Bearing and It's Types
Bearing के प्रकार बताने से पहले मै ये बताना चाहूँगा कि Bearing होता क्या है और कहाँ use होता है..
कोई भी चीज़ circular motion में shaft के सहारे घुमती है, shaft एक circular rod होता है जिसके सहारे circular motion को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जाया जाता है, जैसे कि हम अपने घर में ही खोजते हैं कि कौन कौन सी ऐसी चीज़ है जो circular motion में घुमती है
1. हमारा Ceiling Fan
2. Mixer Grinder
3. Cooler
4. Washing machine
जैसे हमारे घर का पंखा shaft के सहारे घूमता है, जैसे ही हम पंखा का बटन on करते है इलेक्ट्रिकल सप्लाई मोटर के winding में जाती है और मोटर घुमने लगता है, मोटर के साथ blade लगा होता है जिससे हमको हवा लगने लगती है I मोटर shaft के सहारे लटका रहता है और दोनों के बीच में bearing लगी होती है, जिसके वजह से पंखा आसानी से घूमता रहता है I shaft को stable रखने के लिए और कम से कम friction के लिए एक support की जरुरत होती है, इसी support को bearing कहते हैं I Bearing शब्द अंग्रेजी के bear से निकला है जिसका मतलब होता है support करना I Bearing और shaft के बीच में friction कम करने के लिए oil या grease का इस्तेमाल करते हैं I
दोस्तों अब आयिए जानते हैं कि bearing कितने types के होते हैं I Bearing को mainly दो categories में बांटा जाता है-
1. Plain or slider bearing- क्या आपने ice skating की है, नही की तो TV पे तो जरुर देखा होगा I ice skating में shoes और ice के बीच में sliding contact होता हैI बस ऐसा ही sliding contact shaft और bearing के बीच होता हैI चूँकि shaft और bearing के बीच में contact area ज्यादा होता है, इस कारण friction भी ज्यादा होता है इसलिए friction को कम करने के लिए इसमें lubricant जैसे grease, oil का use ज्यादा होता हैI
2. Roller or anti friction bearing- जैसे मैंने ice skating की बात की वैसे ही यहाँ मै roller skating की बात करता हूँ, इसमें roller और floor के बीच rolling contact होता हैI
ऐसा ही rolling contact bearing और shaft के बीच होता है, इसमें sliding bearing के comparison में कम lubricant का use होता है क्यूंकि इसमें पुरे area contact की जगह line contact या point contact होता है I इसलिए इसे anti friction bearing भी कहते हैं I
Load direction- Bearing के types में और detail में जाने से पहले, मै bearing पे लगने वाले load के बारे में बताना चाहूँगा I इससे bearing के types को समझना और आसान हो जाएगा I Bearing पे mainly दो types के load लगते हैं -
1. Axial load - axial direction में
2. Radial load- radial direction में
अब ऊपर में बताये गये load के बारे में मै थोडा explain करता हूँ I जैसे हमने साइकिल चलाया होगा उसके दोनों चक्के के axle (shaft) में bearing लगी होती है I साइकिल पे जब हम बैठते हैं तो हमारा भार उस bearing के ऊपर एक radial load है, क्यूंकि हमारा भार सीट पर जाता है, फिर सीट के बाद connecting member के through चक्के के axle पे जाता है, उसके बाद उसमे लगी bearing पे I अगर हम imagine करें कि अगर साइकिल के axle में bearing ना लगी हो तो क्या होगा, तब हमको साइकिल चलाने में ज्यादा जोर लगाना पड़ेगा और हो सकता है साइकिल चलते चलते अटक जाए चले ही ना, साइकिल bearing के वजह से ही इतना smooth चलती है I
Axial load shaft के axis के through लगता है, जैसे हमारे घर में mixer grinder जब घूमता है तो आपने देखा होगा कि उसमे अन्दर का मसाला या जूस ऊपर की ओर आने कि कोशिश करता है लेकिन हमने ऊपर से ढक्कन लगाया होता है जिसके कारण वह बाहर नही आ पाता I यही है axial load जो अन्दर लगे bearing पे लगता है, अगर अन्दर लगी bearing इस load को सहन नही कर पाएगी तो rotating blade टूट के ऊपर फेंका जाएगा I आपको bearing का importance धीरे धीरे समझ में आने लगा होगा कि छोटी छोटी bearing भी कितना load लेती है I
अब थोडा bearing types को और detail में थोडा जान लेते हैं-
Plain or slider bearing के classification-
1. Journal bearing- shaft का जितना portion bearing के अन्दर होता है उसे journal कहते हैं I इस bearing में shaft के perpendicular force लगता है I मतलब shaft पे radial load लगता है I
2. Footstep bearing- इस type की bearing generally vertical pump या मशीन में लगी होती है I इसमें force shaft के parallel लगता है I मतलब axial load लगता है I
3. Collar thrust bearing- इस type की bearing में भी force shaft के parallel लगता है मतलब axial load I जहाँ axial load ज्यादा होगा वह इसे use किया जा सकता है I
Roller or anti friction bearing के classification-
1. Cylindrical roller bearing- ये bearing mainly radial load के लिए अच्छा होता है I ये ज्यादा axial load नही ले पाता है I
2. Cylindrical taper roller bearing- ये bearing दोनों axial और radial load लेने के लिए बढ़िया है, इसका use जहाँ काफी heavy load आता है, वहां होता है I जैसे turbine, axial fans etc.
3. Spherical ball bearing- इस type की bearing का use जहाँ misalignment ज्यादा होता है वहां होता है I कई जगह shaft में deflection आता है, कहीं और किसी कारण से alignment थोडा गड़बड़ हो जाता है वहां पर इस type की bearing से वह adjust हो जाता है I इस type की bearing आपने कई जगह देखा होगा I
4. Neddle roller bearing- जहाँ जगह कम होती है वहां needle roller bearing use होती है I
और कई type की roller bearing use होती है जैसे deep groove ball bearing, cam follower roller bearing etc.
Bearing के types को detail में मै ज्यादा इसलिए नही बता पाया क्यूंकि ये डिजाईन पर depend करता है की कौन सी bearing और कितनी बड़ी bearing कहाँ use की जाए I जहाँ केवल radial load ज्यादा है वहां cylindrical roller bearing का use करना अच्छा है, जहाँ axial और radial दोनों load को सहना है वहां ball bearing या taper cylindrical roller bearing use किया जा सकता है I इसलिए bearing का use mainly उस जगह पे लगने वाले axial load और radial load पे depend करता है, और सीधा सा funda ये है कि जितनी बड़ी मशीन का shaft उतनी बड़ी bearing use होगी I
आपको मेरा ये article कैसा लगा कमेंट बॉक्स में लिख कर बताएं, अगर आपकी कोई query है या doubt है जो ऊपर समझ में ना आया हो, बिना कोई झिझक के पूछिए I I will be glad to answer your queries.
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